Blogger Tips and TricksLatest Tips And TricksBlogger Tricks

kaavya manjari

Wednesday, January 8, 2014

वफ़ा के नाम से डरते हैं ..

गमदीदा मोहब्बत के,वफ़ा के नाम से डरते हैं |
बेदर्द जमाने में  ,खत-ओ-पैगाम से डरते हैं ||1

दीदार में दिये के हम, पतंगा-से जलते हैं |
रातों को आहट में, हम जुगनू-से जलते हैं ||

रजनी के आँचल में,  आहें तो भरते हैं |
करवट में उड़ाएं नींद, उन यादों से डरते हैं||

मगरूर हैं अदाओं में, हमें जो इंकार करते हैं|
हरे जख्म करे हर बार, उसी मुस्कान से डरते हैं||

चुपके से आओ यार इल्तिजा तेरे नाम करते हैं|
खामोश फिज़ाओं में अब हम कोहराम से डरते हैं|

''आनन्द'' मिला दिन-रात, जिसे विसाले -नाम करते हैं|
दानिस्ता नैन किए दो चार, मगर अब अन्जाम से डरते हैं||